Saturday, 16 May 2015

ganesh vandna: madhukar

           
      











गणेश वंदना:

पहले श्री गणपति गुण गाऊं 
पद वंदन कर  शीश  झुकाऊं  

बुद्धि विनायक गौरी नन्दन  शुभ  फल  दायक  हे    जगवंदन 
ज्ञान निधान भक्त चित रंजन  प्रभो गजानन भव  भय भंजन 
ह्रदय सुमिरि प्रभु ध्यान लगाऊं ------------------------------//१//

शीश किरीट  परसु  कर  भाये  मंगल  मूरति  विघ्न  नशाये
स्वर्ण कान्ति द्युति वरणि न जाये पीत  वसन  उपवीत सुहाये
स्तुति कर प्रभु तुम्हें मनाऊं --------------------------------//२//

जय जय जय हे मंगलकर्ता प्रभु  तुम  रिद्धि सिद्धि के भर्ता
प्रथम पूज्य ;दानव संहर्ता ;भुवन  दीप्ति  सब  संशय   हर्ता
भाव सुमन प्रभु चरण चढाऊं ---------------------------- -//३//

जय  लम्बोदर कलि अघहारी ;माँ  गिरिजा  के  आज्ञांकारी
मधुकर है  प्रभु  शरण   तुम्हारी ;करें   कामना पूर्ण हमारी 
भजन करत प्रभु बलि बलि जाऊं --------------------- -//४//  

doha salila: acharya sanjiv verma 'salil'

एक दोहा:
संजीव 'सलिल'
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मधुकर की गुंजार से, मोहित तितली नाच 
'सलिल' फूल पर जा रहीं, प्रेम पत्रिका बाँच 
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