
सरस्वती वन्दना
वर दो , वर दो , वर दो , हे माँ सरस्वती वर दो /
जीवन को रस मय कर दो , हे माँ सरस्वती वर दो //
ताल , छन्द, सुर ,लय ,तरंग में , लीन हमें कर दो /
,हे माँ सरस्वती वर दो-------------------------------//
आवाहन कर रहे तुम्हारा , हे स्वर देवी भारती /
सुमन समर्पित कर चरणों में ,करते हैं माँ आरती //
कर के आसन ग्रहण मंच को , माँ जागृत कर दो /
हे माँ सरस्वती वर दो -----------------------------//१//
भावों की सरिता की धारा , माँ प्रवाह में आये /
तेरी अनुकम्पा पाने सब , खड़े हैं शीश झुकाये //
हरो हृदय अज्ञान हमारी , बुद्धि विमल कर दो /
हे माँ सरस्वती वर दो-----------------------------//२//
तुम हो माँ वेदों की वाणी , थाह न कोई पाये /
देवों ने ली शरण आपकी , जब जब संकट आये //
बुद्धिदायिनी वीणा स्वर से , मन झंकृत कर दो /
हे माँ सरस्वती वर दो---------------------------//३//
हे ब्रम्हाणी , जनकल्याणी , हम अज्ञानी प्राणी /
मधुकर कन्ठ विराज करो माँ,मन्जुल मोहक वाणी //
करके चित को शान्त,ध्यान में, लीन हमें कर दो/
,हे माँ सरस्वती वर दो---------------------------//४//
उदयभानु तिवारी मधुकर