राष्ट्र गीत

सिंहवाहिनी दुर्गा ही तो , अपनी भारत माता है
जिसमें श्रद्धा भाव वही , माँ की अनुकम्पा पाता है
स्मृति दिवस शहीदों का , जब अपना देश मनाता है
लिये अंक में पुष्प तिरंगा, झर झर झर बरसाता है
जयकारों की ध्वनियाँ गूँजें , पवन ध्वजा लहराता है
सिंहवाहिनी-----------------------------------------//१//
नवदुर्गा में देश हमारा , -माँ के ही गुण गाता है
माँ रक्षक- है हम सबकी , धरती से इसका नाता है
प्रगट करे निज रूप ,-धरा पर जब संकट गहराता है
सिंहवहिनी ----------------------------------------//२//
तीन गुणों में तीन शक्तियाँ, ध्वजा में आकर लहराईं
हरे ,श्वेत , केशरिया रँग में ,झलके इनकी परछाईं
केशरिया शिव का विरक्ति गुण,हिय वैराग्य जगाता है
सिंहवाहिनी ---------------------------------------//३//
स्वेत रंग में विष्णु समाये , समय चक्र को संग लिये
है तटस्थ यह सदगुण मन में, नित देता संकेत नये
हरे रंग में रजगुण ब्रम्हा ,जो सब जगत रचाता है
सिंहवाहिनी --------------------------------------//४//
शीत ,ग्रीष्म ,वर्षा ये तीनों , ऋतुएँ भारत में आतीं
चतुर्मास कर राज ताज वे , फिर दूजे को दे जातीं
माँ का बासन्ती चोला, हर देश भक्त को भाता है
सिंहवाहिनी --------------------------------------//५//
आजादी के महायज्ञ में,जिसने तन मन हवन किया
उसे तिरंगे में लिपटा कर,माता ने अमरत्त्व दिया
मधुकर उन वीरों का सबको ,गौरव गान सुनाता है
सिंहवाहिनी -------------------------------------//६//
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
दत्त एवेन्यूफ्लैट न० ५०१
नेपियर टाउन जबलपुर
मो० ९४२४३२३२९७
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