Thursday, 1 September 2016

              गुप्तेश्वर गुफा का प्रकाश में आना 

अब   सुनिये   यह  गुप्त  गुफा , कैसे ,  प्रकाश   में   आई /
हर   हर  शिव  गुप्तेश्वर   हर   ध्वनि , कानन  पड़े  सुनाई //

अट्ठारह  सौ  सन्तावन  में , ऐसी   जाग्रति   हवा  चली /
डोल  गया  अँग्रेज प्रशासन  , जाग  गई  हर  गली  गली //
​​करवाने     आजाद    हिन्द   को ,  लहर   क्रान्ति   की  आई //१// हर -- 

आजादी के  क्रान्ति  वीर  जब , आते  ध्वज  फहराने को /
मार   रहे  थे   छापा  जब  वे ,  दुश्मन   मार   भगाने को //
गुप्तेश्वर   थी   शरण   स्थली  ,  छिपें    न   पड़ें   दिखाई //२// हर --

परम शान्ति मन को मिलती , था तपसक्षेत्र एकांत यहाँ 
सेनानी   का    भेद    न   पाते ,  ढूँढ   थके  अंग्रेज  वहाँ 
आस   पास    थे   पान   बरेजे  ,   दृश्य   बड़ा   सुखदाई //३// हर --

यहाँ  निकट  के चरवाहे , निज  बकरी , धेनु   चराते  थे /
यहीं  बावली  थी  सुन्दर सी , जल  भर  कर  ले जाते  थे //
बैठ   रहे   थे  वहाँ   नित्य   वे , शिला   छाँव   थी  छाई //३// हर --

लुका  छिपी  का  खेल खेलते ,  ग्वाल   वाल   वीरने   में /
गुफा  की  माटी खुरचा  करते , वे   बालक  अनजाने  में /
एक   दिवस   फिसली  माटी ,  अंदर  दी   गुफा  दिखाई //४// हर--

देखा  झाँक  बालकों  ने  तो , दिखी  खोपड़ी  काली  सी /
घबराये लख  गुफा भयानक , काल रात्रि अँधियाली सी //
घर घर  जाकर  कहा  डरे  सब , श्रवण  बात  जब  आई //५// हर--

चले  देखने  सबके  परिजन , द्वार  गुफा  के  जब  आये / 
देखा अन्दर  शिव  की  पिंडी, सब  मन  ही  मन  हर्षाये //
साफ  सफाई  की  सबने  मिल ,   गुफा  सभी  को  भाई //६// हर --

गुप्त  गुफा  में  शिव  प्रगटे यह , चर्चा  फैली जन जन में /
सिद्ध संत कुछ  देखन  आये, शिव  को  देखा  निर्जन  में //
बोले    ये    तो   गुप्तेश्वर   हैं  ,  कथा   श्रवण   में   आई //७// हर--

         है    वर्णन    रेवा     पुराण    में  ,   वे    ही    ये    गुप्तेश्वर   हैं /
          गुफा   के   अन्दर   छिपे   रहे  अब  , प्रगटे  वे  भुवनेश्वर हैं //
          हुये भाग्य  अब   उदय   सभी   के , शिव  ने   कृपा  दिखाई //८//

पूजन का  क्रम  शुरू  हुआ  फिर, बही  कीर्तन  की  धारा /
यज्ञ , हवन ,  शिव  जयकारों  से , गूँज  उठा स्थल सारा //
संत     मंडली     ने    गुप्तेश्वर  ,  धर्म    ध्वजा   फहराई //९// हर--

सिद्ध  क्षेत्र  पहचान   सभी ,  भक्तों   ने  मंदिर  बनवाया /
बढ़ने लगी  प्रसिद्धि  गुफा  ने, शिव अनुकम्पा  बरसाया //
संत  महंत  नृसिंह  मन्दिर  के , श्रवण  बात  यह  आई //१०// हर --

स्वामी  रामचन्द्रदास  जी ,  नरसिंह  मन्दिर  से  आये /
देख  गुफा  एकान्त  मनोरम ,  दृश्य  देख  हिय  हर्षाये //
गुफा  के  ऊपर  सघन  झाड़ियों , में   मन  गया लुभाई //११// हर --

नरसिंह मन्दिर से  पूजन  कर ,  नित  गुप्तेश्वर  आते थे /
बैठ  यहाँ  एकान्त  शिला  पर , गीता  में   रम  जाते थे //
लगा ध्यान ज्ञानांकुर निकला , अदभुत कृति  बन आई //१२//  हर --

अंकुर बढ़  कर बना  ज्ञान तरु , सींचत जल शिव हर्षाये /
खिले ज्ञान के सुमन हृदय से, कृति बन ढल बाहर आये //
नरसिंहपीठाधीश्वर   जी   के ,  मुख    से   सुनी   बडाई  //१३// हर --

परम शिष्य श्री श्यामदास को, भी रहस्य यह बतलाया /
इस स्थल को और प्रकाशित , करने  भाव  हृदय आया //
भक्तों  के  सँग  किया  मंत्रणा , मन्दिर  समिति बनाई //१४// हर--

स्वामीमुकुन्ददासजी को इस, मन्दिर का पद भार दिया /
हुई  कृपा गुप्तेश्वर में जब, शिव  ने  उनको  शरण  लिया //
जुड़ने  लगे नगर  के  प्रति निधि , जन में जागृति आई //१५// हर--

स्वामी  मुकुन्द दास ने आकर, मन्दिर जीर्णोद्धार किया /
बन कर सन्यासी निज जीवन ,शिव सेवा में वार  दिया //
रेवा    माँ    की   महा   आरती ,  लौ    इनसे   लहराई //१६// हर--

श्री  स्वामी   विष्णुदेवानँद ,  सरस्वती   दरि  में  आये /
सत्यमित्रानन्द  जगदगुरु ,  ने   भी  शम्भु  दरस  पाये //
रामभद्राचार्य    जगदगुरु  ,   ने    रच    स्तुति    गाई //१७// हर--

यहाँ  नृत्यगोपाल   दास  सँग ,  मौनी  बाबा  भी आये /
गुफाहिमाचलमें है जिनकी , लख  हरषे शिव गुण गाये //
आये   यहाँ   पायलट   बाबा , सिद्धि   योग   की   पाई //१८// हर--

वासुदेवानन्द   ,   शिवानँद  ,   देवरहा    बाबा    आये /
ऋषि ब्रह्मर्षि , बावरा  आदिक , सन्त महंत  दरश पाये //
गुप्तेश्वर  यश   कीर्ति   पताका , चहुँदिशि   में   लहराई //१९// हर--

स्वयं   प्रगट  हैं  शिव  कैलाशी , गुप्तेश्वर  स्थल  प्यारा /
यहाँ  रुद्र-अभिषेक  चले नित , बहे  भक्तिरस  की धारा //
मधुकर शिव  जागे समाधि  से , भीर  दरश  को  धाई //२०// हर--


                            उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
                            ५०१ दत्त एवेन्यू अपार्टमेन्ट 
                            नेपियर टाउन, जबलपुर          




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