कन्हैया नजर से कह दो जी , हमसे दूर ना जाये /
तुम्हारी एक झलक पाने , मेरा जियरा तरसाये //
गले की बैजन्ती माला , और ये अलकें घुँघरारी /
लुभाती हैं मेरे मन को , तुम्हारी आँखें कजरारी //
अब तो भूल गई सुधि तन की ,जब से दर्शन हम पाये /
कन्हैया------------------------------------------------------//
तुम्हारी झलक देख ये नैन , भूले पलक न झपकायें /
रिमझिम रिमझिम बरसे सावन,आनँदघन घिर घिर आयें //
अब तो हुआ ये चित्त चकोर , तुम बिन चैन ना आये /
कन्हैया-----------------------------------------------------//
तुम्हारा नीलगगन सा रूप , बाँकपन औ ये अदायें /
रिझाती हैं ये भक्तों को , तुम्हारी अदभुत लीलायें //
जिसको देख लो तुम एक नजर , वो तेरा हो जाये /
कन्हैया--------------------------------------------------//
मुख की मधुर मन्द मुस्कान,कमल का मधुकर रस पाये /
मुरलिया जब भरती है तान ,श्रष्टि ये मोहित हो जाये //
जिनसे हटी तुम्हारी नजर, ये माया उनको उलझाये /
कन्हैया--------------------------------------------------//
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
५०१ दत्त एवेन्यू अपार्ट मेंट
नेपियर टाउन जबलपुर
मो० ९४२४३२३२९७
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