भजन
मैं इक नन्हा सा बच्चा हूँ ,हूँ मैं अभी नादान /
प्रभू जी मेरी बाँह गहो //
तुम्हें ढूँढता फिरता हूँ मैं , कहाँ छिपे निर्जन में /
माँ कहती है परम पिता तो , रहते मन औ वन में //
मेरी तुमसे नहीं पहचान / प्रभू जी----------------//
सिंह ,तेंदुए ,चीते ,भालू , जो पथ में मिल जाते /
उनसे पता पूछते ध्रुव जी , घबराकर भग जाते //
तब बैठ किया आव्हान , प्रभू जी -----------------//
इतने में नारद जी आये, वीणा लिये निज कर में /
उठे छोड़ कर ध्यान,नमन कर पूछा मंगल स्वर में //
क्या तुम ही हो भगवान,प्रभू जी -------------------//
नारद बोले ध्यान लगाओ,ॐ जाप कर मन में /
हरि प्रगटैंगे मत घबराओ, कह भये लुप्त विजन में //
ध्रुव लगे करन हरि ध्यान ,प्रभू जी -----------------//
देख अखण्ड समाधी प्रगटे ,विष्णु चतुर्भुज रूप धरे /
मधुकर बोले उठो वत्स ध्रुव लोक दिया भूलोक परे //
मिला अमर वरदान / प्रभु जी ----------------------//
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
५०१ दत्त एवेन्यू अपार्टमेंट
नेपियर टाउन जबलपुर
मो० ९४२४३२३२९७
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