Saturday, 26 November 2011

गणपति वंदना


                   गणपति वंदना 
पहले श्री गणपति गुण गाऊं / 
पद वंदन कर  शीश  झुकाऊं //

बुद्धि विनायक गौरी नन्दन  शुभ  फल  दायक  हे    जगवंदन 
ज्ञान निधान भक्त चित रंजन  प्रभो गजानन भव  भय भंजन 
ह्रदय सुमिरि प्रभु ध्यान लगाऊं ---------------------------//१//

शीश किरीट  परसु  कर  भाये  मंगल  मूरति  विघ्न  नशाये
स्वर्ण कान्ति द्युति वरणि न जाये पीत  वसन  उपवीत सुहाये
स्तुति कर प्रभु तुम्हें मनाऊं ------------------------------//२//

जय जय जय हे मंगलकर्ता प्रभु  तुम  रिद्धि सिद्धि के भर्ता
प्रथम पूज्य ;दानव संहर्ता ;भुवन  दीप्ति  सब  संशय   हर्ता
भाव सुमन प्रभु चरण चढाऊं ----------------------------//३//

जय  लम्बोदर कलि अघहारी ;माँ  गिरिजा  के  आज्ञांकारी
मधुकर है  प्रभु  शरण   तुम्हारी ;करें   कामना पूर्ण हमारी 
भजन करत प्रभु बलि बलि जाऊं ---------------------//४//  

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