Friday, 22 August 2014

                   

     



















     










कृष्ण भजन 

बनाले कान्हा को मनमीत , ह्रदय में गूँज उठे संगीत  /
धुन में जब  रम  जायेगा ,  वह अनुभव में आयेगा //  

जैसे  मीरा  ने  की   प्रीत ,  वाणी   से   केशव  के  गीत /
भाव की सरिता से बह निकले,,हो गईं मीरा परम पुनीत // 
जब   वह   हृदय   समायेगा, अन्तर्शक्ति   जगायेगा /
बना ले ---------------------------------------------//१//

जैसे तुलसी, सूर, कबीरा, जिन्हें न ब्यापी भव की पीरा 
वैसे तू भी  रमजा  बन्दे  ,सुख  तो  पाये  सदा  फकीरा 
केशव  में   रम जायेगा , भव  सुख  तुझे  न  भायेगा/
बना ले ----------------------------------------------  //२//

जप तप भजनों में अनुरागे, मोहासक्ति तुम्हारी  भागे
हो  जायेगा ये  मन  वश  में,जब तू ईश्वर के हित जागे 
''मधुकर'' जब  वह  आयेगा , दुख-भव  पार   करायेगा  /
बना ले -----------------------------------------------  //३//    

                         उदयभानु तिवारी ''मधुकर ''

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