Saturday, 2 August 2014
















गोवर्धन धारण

कहीं गिर न पड़े गिरिराज लला मेरो छोटो है/
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

थके न कान्हा जुगत भिड़ाओ 
सब मिल जहँ तहँ टेक लगाओ 
भारी  हैं  पर्वतराज  , लला   मेरो   छोटो  है /
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

तड़  तड़  ध्वनि कर घन नभ गरजे 
घोर    वृष्टि    से     धरती     लरजे   
इन्द्र  गिरा  रहे  गाज़ , लला  मेरो छोटो  है/ 
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

लपक झपक दामिनि द्युति दमके 
भय  उपजे  जब   रह   रह  चमके
घन  झपटें ज्यों बाज , लला  मेरो छोटो  है /
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

सात  दिनों  तक  बरसो पानी 
थक गये इन्द्र महा अभिमानी 
बिगड़ा  न  कोई  काज , लला मेरो छोटो  है / 
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

इन्द्र   हुआ तब  पानी  पानी 
कृष्ण निकट जा बोला वाणी
क्षमा   करें   नँदलाल  , शरण  में  लोटो  है / 
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //

मैं मति  मन्द महा अज्ञानी 
बालक  जान   दुष्टता  ठानी
कह ''मधुकर ''सुरराज  कर्म कियो खोटो है /
नटवर  नटखट  नँदलाल  कन्यैया छोटो  है //


                 उदयभानु तिवारी ''मधुकर ''     

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