Friday, 22 August 2014



गुणातीत पुरुष के लक्षण 

जो नर गुणातीत हो  जायें /
प्रभु उनके लक्षण समझायें //

तम,सत,रज ये तीनों गुण हैं मोह ,प्रकाश ,प्रवृत्ति
जान इन्हें आसक्ति गुणों की,इनसे जिन्हें विरक्ति 
ईर्षा , द्वेष , दम्भ के उनमें भाव  कभी नहिं  आयें /
जो नर ------------------------------------------//१//

और निवृत्ति काल में भी जो, रहें कामना  हीना 
उदासीन इस जग में विचरें,विषयी भाव विहीना 
गुण ही गुण में बरत रहे हैं यही भाव मन आयें/
जो नर ---------------------------------------//२//

सुख औ दुख में भी जो  सम हैं निज आत्मा में रमते 
मिट्टी  ,सोना ,पत्थर उनको सब समान  ही  लगते
अप्रिय और प्रिय ,निंदा , स्तुति में सम भाव दिखायें/
जो नर ---------------------------------------------//३//

मान,अपमान,शत्रु ,मित्र में,मन सम भाव दिखाये 
एक भाव में स्थित रह कर ध्यान में लगन लगाये  
कर्तापन के भाव न ''मधुकर''उनके  मन  में  आयें/
जो नर ------------------------------------------//४//

                          उदयभानु तिवारी ''मधुकर ''         

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