Wednesday, 20 August 2014



       










श्री कृष्ण भजन

रहो  मन मोहन संग  हमारे /
तुम बिन भव से कौन उबारे//

तुम ही सदगुरु  सखा सहारे  
हे  त्रिभुवन  के  पालन वारे 
घेर     रहे     अँधियारे
रहो ---------------//१//

माया तुम्हारी  मन  भरमाये 
पग पग पर ये लोभ दिखाये 
भटक भटक हम हारे /
रहो ---------------//२//

ध्यान करूँ तो विघ्न मचाये 
भजन करूँ तो  शोर  सुनाये 
सुमिरत नाम बिसारे/
रहो -----------    //३//

मैं  जप योग यज्ञ नहिं जानूँ 
रमे  राग में  तुम  हो  मानूँ 
मोहन  मुरली  वारे /  
रहो-------------//४// 

सूरदास  , मीरा   के  गिरिधर 
भक्ति भाव बन बहते झर झर
''मधुकर'' रसिक तुम्हारे/  
रहो -----------------//५//

उदयभानु तिवारी ''मधुकर ''

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