Wednesday, 24 August 2016















मैना 

मनहर मैना उड़ गई श्याम,अपना तरुवर छोड़ गगन में /
अब तो यादें रह गईं श्याम , उसके  शब्द  गूँजते मन में //

तिथि उनतिसजनवरी थी पचपन, की जब वह तन पाई /
दो  हजार  पन्द्रह  सन   की   जब , बीस  फरवरी  आई //
सबसे नाता तज गई श्याम,तोड़े बन्धन जगके क्षण में / 
मनहर मैना ------------------------------------------------//

इस   माया   नगरी   में   आकर ,  सबसे   नेह   बढ़ाया /
मोहक  मृदुवाणी   से  सबको ,  अपनी   ओर   रिझाया //
सरिता झरे नैन से श्याम,जबसे छिप गई वह जा घन में /
मनहर मैना ------------------------------------------------//

नीरस   हो   गई   बगिया , पतझड़   सी  लागे  अमराई /
पंछी  कलरव  करें  नहीं ,  नीरवता  चहुँ    दिशि   छाई //
मन को हर के ले गई श्याम,मधुकर हेरें खड़े विजन में /
मनहर मैना ------------------------------------------------//

रैन  बसेरा  कर  वह  उड़  गई , पड़े   न   कहीं   दिखाई /
मिलना  सुखद  सुनहरा , विछुड़न, हुआ  बड़ा  दुखदाई //
उसकी आश टूट गई श्याम,आ गये अब हम तेरी शरण में /
मनहर मैना ---------------------------------------------- //


                                           उदयभानु तिवारी ''मधुकर ''

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