Thursday, 25 August 2016














श्रीकृष्ण भजन 

मुरलिया   वाले  का , मनमोहन  है  नाम 
अरे  मन  जपले  रे , अरे  मन   जपले   रे 
 नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का //

माखन की चोरी करे करे वो ठिठोली ,भरी  सिर की मटकिया  फोरी /
चित  खिंच  जाये  ऐसी  बाँसुरी   बजायेझूमें जिसमें ब्रज की छोरी //
भर  भर  फाग   रंग  , होली  खेले  राधे  संग  , साँवरिया घनश्याम /
मुरलिया   वाले   का ,   मनमोहन   है   नाम  अरे  मन  जपले  रे २ ,
 नटवर  गिरधर नाम ,  मुरलिया वाले  का----------------------------//

कुंजबिहारी करे राधिका से यारी , मिलने  के  करे बहाने
कभीचूड़ीवाला बन जाये बरसाने , यह  भेद न कोई जाने
बड़ा नटखट है  रसिया विकट, जप  रहा जगत यह नाम 
मुरलिया वाले का , मनमोहन  है नाम,अरे मन जपले  रे    
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ----------------//

मधुवन जाय जब बाँसुरी बजाये कान्ह , पवन करे अठखेली
राधे राधे गाये वेणु राधा खिंची आये  वह बेला  थी अलबेली 
सुध   बुध    भूल   चलीं  सब  गोपी , मन  में  मनोहर   नाम 
मुरलिया वाले  का  मनमोहन  है  नाम , अरे मन जप  ले  रे  
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ---------------------//

खड़े वो कदम्बतरे ,मुरली अधर धरे ,घेर रहीं सब सखियाँ 
भौंह की कमान चढीं ,छेड़ी  सुरतान जब,गूँजें करतल ध्वनियाँ 
पग  थिरकें  करें  नूपुर  छम  छम , मगन  हुआ ब्रज धाम 
मुरलिया वाले का, मनमोहन है नाम ,अरे मन जप ले  रे  
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ------------------//

तीनों लोक मोह गये,सुध बुध भूल गये,झूमें शिव त्रिपुरारी 
मधुकर  वह  छवि बने  न  वर्णत , शारद   की   मति  हारी 
दिव्य अलौकिक दृष्य , स्वर्ग   सब  उतरा   है   ब्रज   धाम 
मुरलिया वाले का , मनमोहन  है  नाम ,अरे मन जप ले रे 
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का --------------------//


                                              उदयभानु तिवारी ''मधुकर'' 







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