मुरलिया वाले का , मनमोहन है नाम
अरे मन जपले रे , अरे मन जपले रे
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का //
माखन की चोरी करे करे वो ठिठोली ,भरी सिर की मटकिया फोरी /
चित खिंच जाये ऐसी बाँसुरी बजाये, झूमें जिसमें ब्रज की छोरी //
भर भर फाग रंग , होली खेले राधे संग , साँवरिया घनश्याम /
मुरलिया वाले का , मनमोहन है नाम अरे मन जपले रे २ ,
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का----------------------------//
कुंजबिहारी करे राधिका से यारी , मिलने के करे बहाने
कभीचूड़ीवाला बन जाये बरसाने , यह भेद न कोई जाने
बड़ा नटखट है रसिया विकट, जप रहा जगत यह नाम
मुरलिया वाले का , मनमोहन है नाम,अरे मन जपले रे
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ----------------//
मधुवन जाय जब बाँसुरी बजाये कान्ह , पवन करे अठखेली
राधे राधे गाये वेणु राधा खिंची आये वह बेला थी अलबेली
सुध बुध भूल चलीं सब गोपी , मन में मनोहर नाम
मुरलिया वाले का मनमोहन है नाम , अरे मन जप ले रे
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ---------------------//
खड़े वो कदम्बतरे ,मुरली अधर धरे ,घेर रहीं सब सखियाँ
भौंह की कमान चढीं ,छेड़ी सुरतान जब,गूँजें करतल ध्वनियाँ
पग थिरकें करें नूपुर छम छम , मगन हुआ ब्रज धाम
मुरलिया वाले का, मनमोहन है नाम ,अरे मन जप ले रे
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का ------------------//
तीनों लोक मोह गये,सुध बुध भूल गये,झूमें शिव त्रिपुरारी
मधुकर वह छवि बने न वर्णत , शारद की मति हारी
दिव्य अलौकिक दृष्य , स्वर्ग सब उतरा है ब्रज धाम
मुरलिया वाले का , मनमोहन है नाम ,अरे मन जप ले रे
नटवर गिरधर नाम , मुरलिया वाले का --------------------//
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
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