महा काली गीत
हे खप्पर वाली काली माँ छवि झलका दे /
हम खड़े तुम्हारे द्वार भक्ति रस छलका दे //
चन्दन , अगर , सुगन्धित पुष्पों की माला /
चरणों में अर्पित करता हूँ हे माँ ज्वाला //
मुझे निज बगिया का सुमन बना के महका दे /
हे खप्पर वाली काली माँ छवि झलका दे //
हे माँ तुम परम प्रकाश और हम हैं प्राणी /
तुम निर्मल गंगा धार , मनुज ढाबर पानी //
हे महा मोहिनी मुक्त भुवन से करवा दे /
हे खप्पर वाली काली माँ छवि झलका दे //
यह जग दीपक का पात्र , तेल तुम , हम बाती /
तव कृपा मिले तब ज्योति जले लौ लहराती //
मधुकर को दे के प्यार ज़रा माँ मुसका दे /
हे खप्परवाली काली माँ छवि झलका दे //
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
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