ॐ जय अम्बे काली ओ मैया ,जय खप्पर वाली /
चौसठ योगिनी रूपा , तीन नेत्र वाली //
जय जय मातु कपाली , रौद्र रूप वाली /
कटि लटकें कर माला , जिव्हा विकराली //ॐ जय---
दस शिर बीस भुजाये , दिव्य अस्त्र धारे /
रक्तबीज संहारे , सुर संकट टारे //ॐ जय---
क्रोध अग्नि की ज्वाला , शान्ति नहीं पाये /
तब शिव मग में तेरे , पग नीचे आये //ॐ जय---
राम नाम सुन सहसा , नीचे दृष्टि गई /
शिव को लख सकुचाईं, ज्वाल शान्त भई //ॐ जय---
जय जय कार करें सुर , विपुल सुमन बरसे /
कर आरति ,पद वन्दन , सबके हिय हरषे //ॐ जय---
जय जय जय हे ज्वाला,तुम हो जग जननी /
हमको ले ले हे माँ , चरण शरण अपनी //ॐ जय---
भक्तिभाव से भर दे , माँ हिय की प्याली /
गुण गाएँ हम तेरे , जय माँ कंकाली //ॐ जय---
दैहिक , दैविक , भौतिक ताप हरो मैया /
लहराती , बलखाती , पार करो नैया //ॐ जय---
जो श्रद्धा से पूजन कर आरति गाये /
''मधुकर''काली माँ की ,अनुकम्पा पाये //ॐ जय---
उदयभानु तिवारी ''मधुकर''
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