गणतंत्र दिवस
जब विदेशियों की ताकत के तूफां ने ललकारा /
जागी मशाल स्वर गूँज उठा यह हिंदुस्तान हमारा //
जब आंधी चली प्रलय की
दीपों से ज्वाला भड़की
जब् ज्योति जली हर घर की
तब पाई राह विजय की
दामन में लागा दाग अमित जब रक्त का चला फुहारा /
जागी''''''''''''''''''''''''''
जिस जिस ने पंथ दिखाया
दुश्मन ने उन्हें नशाया
अगणित बलिदान चढाया
तब यह त्रंगा लहराया
गुलशन का महका फूल सदा दे करके गया किनारा /
जागी ''''''''''''''''''''''''''''''
वीरों ने इसे सवांरा
संतों ने दिया सहारा
यह सब धर्मों से न्यारा
लहराए तिरंगा प्यारा
अर्पित अंजलि के पुष्प उन्हें जो वतन का हुआ सितारा /
जागी ''''''''''''''''''''''''''''''
मजहब में उलझ मत लड़ना
सब इसे संभाले रहना
है भारत अखंड अपना
यह ध्वजा न झुकने देना
गणतंत्र दिवस की वेदी का हर पुष्प हमें है प्यारा /
जागी ''''''''''''''''''''''''''''''
संविधान भारत में आया यह वह शुभ दिन प्यारा /
जागी ''''''''''''''''''''''''''''''
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