नमोस्तु माँ सरस्वती नमामि मातु शारदे /
ब्रह्म देवि वेद ब्रह्मज्ञान तत्त्व सार दे /
शुभ्र वस्त्र धारिणी हे वीणापाणि भारती ;
बुद्धि दायिनी हे माँ उतारूँ तेरी आरती
कर प्रदान सिद्धि मेरी बुद्धि को निखार दे
नमोस्तु ''''''''''''''''''''''''''''''
नमामि वाक-ईश्वरी कौमारि वेद वेत्ता
ब्रह्मचारिणी शरण गहें तुम्हारि देवता
दिव्य दृष्टि दे के ज्ञानचक्षु माँ उघार दे
नमोस्तु ''''''''''''''''''''''''''''''
नमोस्तु चन्द्रघंटिके नमामि भुवनेश्वरी
जगविख्याता देवि तव चरण शरण सुरेश्वरी
विवेक बुद्धि दे के काव्य का सृजन सँवार दे
नमोस्तु ''''''''''''''''''''''''''''''
स्वर तरंग में बसीं तुम्हारे राग रागिनी
मंत्र मुग्ध करती तेरी वीणा हंसवाहिनी
वह तरंग भाव मातु मेरे हिय उतार दे
नमोस्तु ''''''''''''''''''''''''''''''
करूँ तुम्हारि वन्दना हे दिव्य ज्ञानदायिनी
तुम्हें चढ़ाऊँ पुष्पहार देवि वर प्रदायिनी
मधुकर को देवि जन्म मृत्यु सिंधु से उतार दे
नमोस्तु ''''''''''''''''''''''''''''''
उदयभानु तिवारी "मधुकर"
No comments:
Post a Comment