पानी का सन्देश
पानी करता कल कल धुन; कहता है रे मानव सुन /
मंजिल तक नहिं चैन अमन; चल रमने में है अवगुन//
पानी से जग में हरियाली ;पानी से मानव की शान
जिसका पानी सूख गया वह ;शुष्क ह्रदय ;जंगल वीरान
पानीदार करे कुर्वानी पानी में सब रस अरु गुन
पानी करता कल कल धुन ;कहता है रे मानव सुन//१//
महापुरुष जो हुए महान; पानी से उनकी पहचान
जिनमें पानी बचा नहीं वे ; बने मरुस्थल से मैदान
जल से ही सब जग में जीवन ;ऐसा अपने मन में गुन
पानी करता कल कल धुन ;कहता है रे मानव सुन//२//
पानी में पुष्पों का राजा;विष्णु प्रिया का नील कमल
खिले कमल पर पद्मवाहिनी शोभित रहतीं हैं हरपल
पानी गुरुपद कमल पखारे;पानी धोये सब दुर्गुन
पानी करता कल कल धुन ;कहता है रे मानव सुन//३//
पानी में मछली के प्रान;पानी लौह पुरुष की आन
जिसका पानी उतर गया वह ;नर है कच्चे लौह समान
रे 'मधुकर 'बहते पानी में ;गीतों के शब्दों को चुन
पानी करता कल कल धुन ;कहता है रे मानव सुन //४//
पानी करता नहीं गुमान ,पानी की है शक्ति महान
धन्य धन्य वे देश भक्त जो ,हुये देश के हित कुर्वान
शान से जीना शान से मरना पनीदारों का ही गुन
पानी करता कल कल धुन ;कहता है रे मानव सुन //५//
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