जागो अन्दर के इंसान
जागो दैव संपदा जागो जागो अन्दर के इन्सान /
भ्रष्टाचार मिटाने को सब आँधी बन छेड़ो अभियान//
मंहगाई के सहसबाहु से हैं संतप्त सभी इंसान
परसुराम बन परसु उठाओ करने को जनता की त्राण
परसुराम के घोर परसु की शक्ति जगाओ करके ध्यान
तब मन दृढ़ संकल्प करेगा फूँकेगा जन गण में प्राण
भारत स्वाभिमान आन्दोलन छेड़ें करें देश आह्वान
भृष्ट तंत्र की जड़ें उखाड़ो करो देश हित तन कुर्बान
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//१//
सत्य आचरण जनता भूली संस्कार और अपनी शान
राष्ट्र धर्म की शिक्षा देकर करें प्रकाशित इनका ज्ञान
सुलभ न्याय हो स्वच्छ प्रशासन कोई न बेचे यदि ईमान
राम राज्य आएगा निश्चय हो जाएगा देश महान
जो निर्लिप्त रहें कुर्सी पर भ्रष्ट न हों ; हों न्याय प्रधान
शीर्ष पदों पर उनको लायें चलो जगाएँ हिन्दुस्तान
जागो ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//२//
जिस नेता का भ्रष्ट आचरण भ्रष्टाचारी जिनके काम
उनको भूल वोट मत देना बिकना नहीं वोट के नाम
सूचना के अधिकार से जानो क्या है खर्च हुए क्या काम
पार दर्शिता करे उजागर भ्रष्ट अफसरों के सब नाम
अधिक आय से किया इकट्ठी पूँजी जिनने अपने नाम
देशद्रोह प्रकरण चलवाओ वह धन करो देश के नाम
जिस नेता का भ्रष्ट आचरण भ्रष्टाचारी जिनके काम
उनको भूल वोट मत देना बिकना नहीं वोट के नाम
सूचना के अधिकार से जानो क्या है खर्च हुए क्या काम
पार दर्शिता करे उजागर भ्रष्ट अफसरों के सब नाम
अधिक आय से किया इकट्ठी पूँजी जिनने अपने नाम
देशद्रोह प्रकरण चलवाओ वह धन करो देश के नाम
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//३//
करें राष्ट्र के हित का चिंतन राष्ट्र धर्म अपनी पहचान
मात्र भूमि की रक्षा में हम करदेंगे यह तन बलिदान
यह संकल्प ह्रदय में हो तो नहीं डिगेगा फिर ईमान
शुद्ध चित्त हो तब जागेगा अपने अन्दर का इंसान
अन्य विदेशी भाषाओं से खूब करो अपना उत्तथान
किन्तु राष्ट्र की भाषा हिंदी को देना पहला स्थान
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//४//
यह है लक्ष्य सुद्रढ़ भारत का घर घर गूँज उठे यह गान
चलो तिरंगा ध्वज फहराएँ करें शहीदों का आह्वान
जोर जोर भर रहा तिजोरी बढ़ा रहा मन का अभिमान
सोचो सँग क्या ले जाओगे जब त्यागोगे अपने प्राण
दान धर्म की पूँजी "मधुकर" करदेती है जन कल्याण
मिले उसे यह संचित होकर जब आएँ नव तन में प्राण
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//५//
डॉ उदयभानु तिवारी "मधुकर "
करें राष्ट्र के हित का चिंतन राष्ट्र धर्म अपनी पहचान
मात्र भूमि की रक्षा में हम करदेंगे यह तन बलिदान
यह संकल्प ह्रदय में हो तो नहीं डिगेगा फिर ईमान
शुद्ध चित्त हो तब जागेगा अपने अन्दर का इंसान
अन्य विदेशी भाषाओं से खूब करो अपना उत्तथान
किन्तु राष्ट्र की भाषा हिंदी को देना पहला स्थान
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//४//
यह है लक्ष्य सुद्रढ़ भारत का घर घर गूँज उठे यह गान
चलो तिरंगा ध्वज फहराएँ करें शहीदों का आह्वान
जोर जोर भर रहा तिजोरी बढ़ा रहा मन का अभिमान
सोचो सँग क्या ले जाओगे जब त्यागोगे अपने प्राण
दान धर्म की पूँजी "मधुकर" करदेती है जन कल्याण
मिले उसे यह संचित होकर जब आएँ नव तन में प्राण
जागो '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''//५//
डॉ उदयभानु तिवारी "मधुकर "
No comments:
Post a Comment