नमामि देवि अक्षरा कराली मुंडमालिनी //
भद्रकाली , भैरवी , त्रिनेत्री , रौद्ररूपिणी
महाबला , महेश्वरी , कराली खंगधारणी
अनंता , घोररूपा हे चामुण्डा , चंडघंटा
दशशीश हाथ बीस माँ अनेकअस्त्रधारणी
क्रोधाग्नि ज्वाला नैनों में धगदधगदधगदज्वले
विमुक्तकेशी की लटें लगें कराल व्यलिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ---------------------- //१//
रक्तबीज काट मुण्ड हव्य कीन्ह अग्निकुंड
पी गई हो रक्त मातु छिन्नमुण्ड धारणी
नमो नमो नारायणी नमामि कात्त्यायनी
अनादि ब्रह्मरूपिणी हे देवि ब्रह्मचारिणी
कालरात्रि कालिका त्रिलोकीनाथनायिका
अग्निज्वाला, पाटला महेश की मरालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -----------------------//२//
बलप्रदा जलोदरी ,महोदरी महेश्वरी
मतंगमुनिपूजिता , मातंगी ,शूलधारणी
सत्यानन्दरूपा दिव्य वैष्णवी अनूपा
ब्रह्मदेवी हे रुद्राणी माँ पिनाकपाणि धारणी
सर्वदानवादिघातिनी उतारूँ आरती
निवारो कष्ट क्रूरा काली देवी विद्युन्मालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ---------------------//३//
दिव्य तेजोमय अनूपा छिन्नमस्ता उग्ररूपा
योगिनी हे मोहिनी हे योगियों की रक्षणी
देवगण सुरक्षणी हे दुष्ट दानव भक्षणी
संकटा हे चंडिका हे साधकों की यक्षिणी
निशुम्भ शुम्भ दैत्य मधु कैटभ निपातिनी
सर्वमंत्ररूपा तीनों लोकों की भुआलिनी
ॐ ह्रीं श्रीं --------------------//४//
अमेयविक्रमा हे सर्ववाहनों की वाहिनी
चण्ड मुण्ड नाशिनी अभव्या सिंहवाहिनी
पद्मा परमेश्वरी सार्वास्त्रशस्त्र धारणी
कृपालु दृष्टि कीजै भक्तिभाव की प्रवाहिनी
कलमंजीररंजनी पुरुषाकृति उत्कर्षणी
पट्टाम्बर परिधाना शक्तिबामा दुष्टघालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ------------------//५//
नित्य औ प्रत्यक्षा कूष्माण्डा विष्णुमाया तुमही
आद्या औ सावित्री माता देवी ब्रह्मवादिनी
रौद्रमुखी ज्ञाना देवसुन्दरी हे मंगला
सर्वशास्त्रमयी वन्यदुर्गा माँ आह्लादिनी
आर्या हे लक्ष्मी हे सुन्दरी भुवनेश्वरी
आदि देवि दिव्या खप्पर वाली आन्त्रमालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -------------------//६//
विंध्यवासिनी गायत्री बाहुलप्रेमा सप्तसती
हे अनेकाशस्त्र-हस्ता सर्वासुरविनाशिनी
रतनप्रिया हे देवी दक्ष की दुलारी क्रिया
चिंता चितारूपा ज्वाला काली अविनाशिनी
त्रिलोकसुन्दरी जया हे सीता माता शीतला
शिवदूती बहुला विमला तूही देवी दिकपालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ------------------ //७//
महातपा सदागति हे पाटलावती यति
भावनी भवानी माता दुष्ट दैत्य भंजनी
अनेकवर्णा बुद्धिदा महासती हे शैलजा
विश्वप्रीता विश्वमोहिनी हे भक्तरंजनी
तू ही अहंकार तेरी महिमा अपार माई
महिषअसुर मारे काली विकरालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं --------------------//८//
सत्या भव्या भाव्या तुम वाराही सर्वविद्या और
अम्बिका अपर्णा देवी विद्या बुद्धि दायिनी
देवमाता शाम्भवी स्कंदमाता साध्वी
चित्रा चित्तरूपा माता सत्ता सिद्धि दायिनी
रक्ष रक्ष क्षम्य क्षम्य दोष मेरे दुर्गे अम्ब
कीजिये कृपा हे भक्तवत्सला कृपालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -------------------//९//
अन्नपूर्णा दानी तुमही एंन्द्रीरूप भवानी तुमही
मन हो तुम ही बुद्धि तुम ही माता रिद्धि सिद्धि
तुमहीकन्या तुमकुमारी तुमकिशोरी और गौरी
तुम ही प्रौढ़ा औ अप्रौढ़ा वृद्धामाता सद्बुद्धि
दम्भ दर्प नाशिनी हे देवी माँ सुहासिनी
बुझाओ नैन प्यास दिव्या देवी दैत्यघालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं -------------------------//१०//
पूजनं न अर्चनं न शक्ति भक्ति साधनम्
जपं न योग आसनम् उपासनम् आराधनम्
शताष्ट नाम अमृतम् जपामि मातु नित्याहम्
करोमि पाद पंकजम् नमो नमो नमो नमम्
पाहि पाहि पाहि देवी दिव्या महाकाली
मधुकर पै कृपालु दृष्टि कीजै भक्त पालिनी
ॐ ह्रीं श्रीं ----------------- //११//
डॉ उदय भानु तिवारी "मधुकर"