जय बोलो सिया वर राम की /
प्रभु से भी है श्रेष्ठ जगत में ,महिमा प्रभु के नाम की //
जब जब अत्याचार बढे भू पर अधर्म गहराये हैं /
तब तब भक्तों के हित हरि ने दिव्य रूप प्रगटाये हैं //
परमभक्त हनुमान जपें नित माला जिनके नाम की /
जय बोलो ------------------------------------------- //१//
सबरी,गीधजटायु पास हरि पैदल ही चल कर आये /
देख परम अनुराग अंत में पंरमधाम पहुँचाये हैं //
अति सुन्दर मनहारी छवि श्रीरामचन्द्र सुखधाम की /
जय बोलो ------------------------------------------------//२//
पापी असुरों के संकट से नर ,मुनि , देव उबारे हो /
धनुष बाण धारण कर रावण , कुम्भकर्ण संहारे हो //
"मधुकर"राम व्याप्त जगदीश्वर भज जय मन अभिराम की /
जय बोलो --------------------------------------------------------//३/ /
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