Tuesday, 6 December 2011

रसना ॐ ॐ उच्चारो

                    रसना  ॐ   ॐ उच्चारो 

                     रसना ॐ ॐ उच्चारो /
                     हिय में हो   उजियारो //

कम ,क्रोध ,मद ,लोभ ,मोह तज निर्गुण को जो ध्याये /
हो चित शुद्धि ,ध्यान से तब नर भव  दुख  से तर पाये //
अनुरागी  बन  यह   वर   मागो  प्रभु भव पार उतारो /
रसना ------------------------------------------------- //१//

विष्णु ,राम ,श्री कृष्ण ,सदाशिव ,विश्वरूप  प्रभु  धारे /
एक नाम में  रमज़ा   रसना  वह   सब   संकट   टारे//
कहो   ॐ   प्रभु   निराकार   से  माया  से   निरवारो /
रसना ------------------------------------------------//२//

जिस  क्षण गूँजे   अंतर्मन में   ॐ   जाप   लयकारी /
हो जायेगी बुद्धि विमल , सुधि बिसरे  तन की  सारी //
"मधुकर"उस वाणी से निर्झर झरे अमिय रस प्यारो / 
रसना ------------------------------------------------------//३//

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