रसना ॐ ॐ उच्चारो
रसना ॐ ॐ उच्चारो /
हिय में हो उजियारो //
कम ,क्रोध ,मद ,लोभ ,मोह तज निर्गुण को जो ध्याये /
हो चित शुद्धि ,ध्यान से तब नर भव दुख से तर पाये //
अनुरागी बन यह वर मागो प्रभु भव पार उतारो /
रसना ------------------------------------------------- //१//
विष्णु ,राम ,श्री कृष्ण ,सदाशिव ,विश्वरूप प्रभु धारे /
एक नाम में रमज़ा रसना वह सब संकट टारे//
कहो ॐ प्रभु निराकार से माया से निरवारो /
रसना ------------------------------------------------//२//
जिस क्षण गूँजे अंतर्मन में ॐ जाप लयकारी /
हो जायेगी बुद्धि विमल , सुधि बिसरे तन की सारी //
"मधुकर"उस वाणी से निर्झर झरे अमिय रस प्यारो /
रसना ------------------------------------------------------//३//
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