Sunday, 18 December 2011

भगवान महावीर स्तुति

 

                 भगवान्   महावीर 

महावीर भव भय भंजन ,हे दिव्य कांतिमय मूर्ति  ललाम /
ज्ञान सिन्धु हे विश्व इन्दु नत मस्तक हो प्रभु करूँ प्रणाम //

    अजर अमर हे अविनाशी प्रभु 
               योगी, साधक ,कैलाशी 
                  सब के हिय में विचरण करते 
                                देख रहीं आँखें प्यासी
मोह प्रभंजन सुर मुनि रंजन  योगेश्वर  सम   मन अभिराम /
ज्ञान सिन्धु------------------------------------------------//१//

    जिन मुमुक्षु मन में जिज्ञासा 
            निज आत्मा में रस पायें 
                देकर ज्ञानप्रकाश उन्हें प्रभु 
                         ध्यान योग में ले जायें
कलुष निकंदन मानस चन्दन सदगुरु तुम्हीं मनोहर श्याम /
ज्ञान सिन्धु ----------------------------------------------//२//

असन बसन तन की सुधि भूले 
डूबे ज्ञान समाधी में 
हो वह स्थिरचित्त न डोले 
ऐन्द्रिक विषयक आँधी में 
प्रभु पद- पंकज का कर वन्दन ध्यान करे जो आठों याम / 
ज्ञान सिन्धु -------------------------------------------//३//

ॐ नाद अन्त: में गूँजे
निर्विकार मन हो जाये 
जगत व्याप्त परमेश्वर की छवि 
दर्शन का अनुभव पाये 
वह वैरागी जब तन त्यागे पाये मधुकर प्रभु का धाम /
ज्ञान सिन्धु ----------------------------------------//४//

                               उदय भानु तिवारी "मधुकर"   

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