रे मन गाता चल गली गली /
सिया,राम,लखन,बजरंग बली //
कर कर्तव्य कर्म रे बन्दे लेकर प्रभु का नाम हो /
उपजे हिय सदभाव भक्त जो करे कर्म निष्काम हो //
पाये दिव्य प्रकाश खिलेगी ह्रदय कुञ्ज की कली कली /
रे मन -------------------------------------------------------//१//
भाव भक्ति की धारा में जब रम जायेगा ध्यान रे /
प्रभु बन सखा मार्ग दिखलायें मिटे मोह अज्ञान रे //
रोम रोम में बसें राम प्रभु मूरति मन को लगे भली /
रे मन----------------------------------------------------//२//
प्रेम भाव के भूखे भगवन और नहीं कुछ लेते हैं /
स्वीकारें श्रद्धा से जो भी पत्र ,पुष्प, फल देते हैं //
बेर भीलनी के जूठे प्रभु खाये चर्चा गली गली /
रे मन ---------------------------------------------//३//
परमभक्ति से भक्तों के वश हो जाते भगवान रे /
शरणगत की रक्षा कर प्रभु रखें नाम की आन रे //
"मधुकर"सँग प्रभु रहें नित्य हनुमान,लक्ष्मण,जनकलली /
रे मन -----------------------------------------------------------/ /४//
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