Tuesday, 6 December 2011

चल मन उस मधुवन की ओर


              चल मन उस मधुवन की ओर /
              जहाँ हरि गिरिधर नंदकिशोर //

जहाँ  गूंजती  मुरली  की  धुन  कोयल  गाना  गाती /
पंछी गण की चहकन फुदकन मनको नित्य लुभाती //
जहाँ  घुमड़ते  आनँद  के  घन   झूम   नाचते   मोर /
चल मन ---------------------------------------------------//१//

जहाँ  चराते  धेनु   कन्हैया   काली   कमली   वाले /
पावन तट यमुना  सरिता  का  रमे  देव  बन  ग्वाले //
जहँ नटवर की मोहक छवि लख मन होजाय चकोर /
चल मन -------------------------------------------------//२//  

जहाँ   प्रेम  रस  झर  झर  बरसे  चले  पवन  इठलाती /
कल क़ल ध्वनि कर निर्मल सरिता गाये नित्य प्रभाती //
भोर   भये   जहँ  ग्वालवाल  सँग  आते हैं  चित  चोर /
चल मन ----------------------------------------------------//३//

जहाँ प्रगट हों ब्रह्म भक्ति सँग बनकर छैल छबीला /
राधा भक्ति ब्रह्म  मनमोहन  करते  हों  नर  लीला //
"मधुकर" खींच रही है उनके  आकर्षण  की  डोर /
चल  मन ------------------------------------------------//४//

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