चल मन उस मधुवन की ओर /
जहाँ हरि गिरिधर नंदकिशोर //
जहाँ गूंजती मुरली की धुन कोयल गाना गाती /
पंछी गण की चहकन फुदकन मनको नित्य लुभाती //
जहाँ घुमड़ते आनँद के घन झूम नाचते मोर /
चल मन ---------------------------------------------------//१//
जहाँ चराते धेनु कन्हैया काली कमली वाले /
पावन तट यमुना सरिता का रमे देव बन ग्वाले //
जहँ नटवर की मोहक छवि लख मन होजाय चकोर /
चल मन -------------------------------------------------//२//
जहाँ प्रेम रस झर झर बरसे चले पवन इठलाती /
कल क़ल ध्वनि कर निर्मल सरिता गाये नित्य प्रभाती //
भोर भये जहँ ग्वालवाल सँग आते हैं चित चोर /
चल मन ----------------------------------------------------//३//
जहाँ प्रगट हों ब्रह्म भक्ति सँग बनकर छैल छबीला /
राधा भक्ति ब्रह्म मनमोहन करते हों नर लीला //
"मधुकर" खींच रही है उनके आकर्षण की डोर /
चल मन ------------------------------------------------//४//
No comments:
Post a Comment