Saturday, 10 December 2011

चाहे ॐ राम जपो,श्रीकृष्ण , श्याम रे


चाहे ॐ राम जपो,श्रीकृष्ण , श्याम  रे /
व्यापक सर्वत्र वही शिवम् परम धाम रे //

बहुनामी भक्ति तजो एक नाम जाप करो /
एक इष्टदेव  पूज भाव के सब   ताप हरो //
आशक्ति त्याग  जपो  एक  हरि:नाम  रे /
चाहे ॐ राम -----------------------------//१//

रूपों   की   भीर   नही   प्रभु   से    मिलावे /
नहीं  जन्म  म्रत्यु  बन्ध  फन्द  काट  पावे // 
स्वार्थ त्याग भक्ति करो मन हो निष्काम रे / 
चाहे ॐ राम --------------------------------//२//

करके निज चक्षु बन्द ध्यान जो लगाओ /
निर्गुण परब्रह्म दिव्य ज्योति देख पाओ //
वही इष्टदेव एक भिन्न -भिन्न  नाम  रे /
चाहे ॐ राम --------------------------//३/

निज गुरु की शरण गहो निर्झरिणी बने बहो /
करके कर्तव्य  कर्म  प्रभु  में  ही  लींन  रहो //
"मधुकर"हिय में ही नाम रूप चार  धाम  रे /
चाहे ॐ राम ------------------------------//४// 

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