सखी री मोरे सैयाँ खड़े हैं उस पर /
खड़े है उसपार रहे डगर निहार //
कर्तव्यों की डोर न छूटे ,जानत हूँ सब नाते झूठे /
जी भरमाये समझ न आये नैन बहाये धार //
सखी री -----------------------------------------------//१//
गहरा सागर थाह न पाऊं जाऊं अकेले तो घबराऊं /
रागिनी मेरी नाव है बनजा तू मेरी पतवार //
सखी री ------------------------------------------------//२//
पिया पुकारें राह निहारें,पुष्पित हुईं लता,तरु डारें /
मधुकर के सँग राही बन जा चल करदे उस पार //
सखी री ----------------------------------------------//३//
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